Fill in some text

(1)  बाबा साहेब आंबेडकर बहुत ही गहराई से सोचने वाले व्यक्ति थे, लेकिन उन्होंने अपने जीवन के कई दुखद अनुभवों को कभी प्रकट नहीं किया।

(2)  अपनी पहली पत्नी रामाबाई की मृत्यु के बाद उन्होंने गहरी अकेलापन महसूस किया, लेकिन अपनी पीड़ा को समाज के सामने कभी नहीं लाया।

(3)  लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अपनी दूसरी डॉक्टरेट की डिग्री पाने के लिए उन्होंने कई रातें भूखे रहकर बिताईं।

(4)  आंबेडकर ने एक बार कहा था कि अगर उन्हें संविधान बनाने का कार्य न मिला होता, तो शायद वे जीवन भर क्रांतिकारी बनकर जीते।

(5)  उन्होंने महात्मा गांधी के साथ पूना समझौते पर हस्ताक्षर तो किए, लेकिन उनका मन इस समझौते से कभी संतुष्ट नहीं हुआ।

(6) अपने जीवन के अंतिम वर्षों में उन्होंने बौद्ध धर्म की ओर आकर्षण महसूस किया, लेकिन इस निर्णय के पीछे उनकी आंतरिक शांति की खोज भी एक रहस्य थी।

(7) उन्होंने एक बार अपने प्रिय मित्रों से कहा था, "मैं लिखता हूँ, क्योंकि बोल नहीं सकता," जिससे उनके अंदर के संघर्ष का पता चलता है।

(8) आंबेडकर अपनी हर रचना को दस-दस बार पढ़ते थे, जिससे उनकी लेखन शैली में एक विशेष गहराई और रहस्य छिपा था।

(9) उनका सपना था एक ऐसी सामाजिक क्रांति लाना जिसमें जाति, धर्म और ज़मींदारी का कोई नामोनिशान न हो — लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने स्वास्थ्य और आराम की भी बलि दी।

(10)  बाबा साहेब ने अपनी अंतिम पुस्तक "द बुद्ध एंड हिज धम्म" के आखिरी पन्नों तक ऐसी रहस्यपूर्ण भाषा का प्रयोग किया, जिसमें व्यक्ति को भीतर से जाग्रत करने की शक्ति थी।