जीवन मे पैसे का महत्व कितना है?

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पैसे का महत्व:

पैसे ! जिसका नाम सुन कर सब के कान खड़े हो जाते है। यह हमारे जीवन की आवश्यकता है, जिस के लिए सालो की मेहनत लगती है। लेकिन पैसे को कमाने के लिए हमारे जीवन के सुख-चैन और खुशियाँ को खो देना गलत होता है।

सुखी जीवन जीने के लिए पैसे होना बहुत जरूरी होता है। पैसा ही है जिस से हम हमारे जीवन की जरूरीयतों को पूरी कर शकते है, एक कहावत है की पैसो से प्यार नहीं खरीदा जाता है, यह बात भी सही है की पैसो से प्यार और माँ-बाप नहीं खरीदे जाते, लेकिन पैसे और प्यार की तुलना नहीं की जा शकती। क्योंकि प्यार हमे मिलता है और पैसे कमाने पड़ते है।

वैसे तो पैसा सब कुछ तो नहीं है पर पैसा बहुत कुछ है। पैसा नमक की तरह होता है जिसकी सब को जरूरत है, मगर जरूरत से ज्यादा हो तो स्वाद बिगाड़ देता है। जीवन मे हम सब एक लक्ष्य बनाते है और यह लक्ष्य कही न कही पैसो से जुड़ा होता है। पैसो से सब कुछ तो नहीं खरीद सकते मगर झिंदगी की कई एसी चीजें है जिसे हम बिना पैसो के नहीं खरीद सकते।

जीवन मे पैसे का महत्व कितना है ?
जीवन मे पैसे का महत्व कितना है ?

सुखी होने के लिए क्या पैसे होना आवश्यक है?

हम सब जानते है की पैसे कमाने के लिए जीवन मे कुछ न कुछ तो त्यागना ही पड़ता है, लेकिन इस का मतलब यह नहीं है की हमारे हिस्से की खुशी को ही त्याग कर दे। हम कमाते किस लिए है? खुशी पा ने के लिए और सुखी रहने के लिए। तो क्या हम इसे ही अपने जीवन से निकाल दे?

जीवन मे खुश और सुखी रहने के लिए बहुत कुछ जरूरी है, जैसे की स्वास्थ्य, संबंध और पैसे भी उन मे से ही एक है सब कुछ नहीं।

यह बात बिलकुल सही है कि सुखी होने के लिए पैसे होना आवश्यक है, लेकिन इस के साथ-साथ मन की शांति भी उतनी ही जरूरी होती है। बेशक हम पैसो से सुखी रहने के साधन खरीद शकते है, लेकिन उस के साथ-साथ मन की शांति भी होनी चाहिए।

पूरे दिन के दौरान हमे कई जगहो पे पैसे कि जरूरत पड़ती है। सुबह उठते ही हमे चाय, कॉफी या फिर दूध पी ने कि आदत होती है, मगर जब पता चले कि घर मे चाय पत्ती या कॉफी, दूध खतम हो गए है। तो क्या करोगे? दुकान से खरीद कर लाएँगे तो वहा भी पैसे लगेंगे। इस प्रकार एसी कई छोटी-बड़ी ज़रूरियात के लिए पैसे आवश्यक होते है। इतना ही नहीं कभी-कभी तो प्यार पा ने के लिए भी पैसो कि आवश्यकता होती है।

क्या पैसे से ही जीवन सफल बनता है?

जिस के पास पैसे नहीं होते है वह बेचेन रहता है की पैसे कहा से लाये, और कैसे कमाएं। दूसरी तरफ जिसके पास ज्यादा पैसे होते है वह भी बेचेन रहता है, की इन पैसो को कैसे सुरक्शित रखे? इसे ओर ज्यादा बढ़ाना है। इस प्रकार कम पैसे और ज्यादा पैसे दोनों ही मन को अशांत करते है।

जीवन को सफल तभी बनाया जाता है जब मन मे शांति हो और मन मे शांति तभी होती है जब पैसे हो, मगर लालच नहीं होना चाहिए, क्योंकि लालच से जीवन असफल बन जाता है। लालच से जीवन मे सुख –चैन सब खत्म हो जाता है, और एसे लालच के पैसे का क्या काम जिसमे सुख-चैन ही न हो।

जिस को जीतने पैसो की जरूरत हो उतने पैसे कमाने की कोशिस करना चाहिए। अगर जीवन मे कुछ बड़ा करना हो तो उसके लिए पैसो की आवश्यकता भी बड़ी होती है, तो उसके लिए करोड़ो-अरबों रुपयों को कमान पड़ता है, इस मे कोई लालच की बात नहीं है।

अस्पताल बनाना है तो उसके लिए करोड़ो रुपे चाहिए तो वह पैसे एकठ्ठा करना पड़ता है, कमा कर या फिर दान मांग कर और मन मे यह बिलकुल नहीं लाये की यह लालच का काम है, क्योंकि इतने पैसो की जरूरत है इस लिए एकठ्ठा कर रहे हो। और यह बुरी बात नहीं है।

जीवन सफल बनाना है तो पैसे का सही उपयोग करना ही चाहिए, तभी जिंदगी आसान और सफल कह लाएगी। पैसा सुख तो दे सकता है लेकिन दुख कम नहीं कर सकता।

क्या समाज मे पैसे से ही इज्जत मिलती है?    

यह सोसायटी एसे लोगो से भरी पड़ी है जो पैसो को ही इज्जत मानते है। समाज भी उसी को मान-सम्मान देता है जिसके पास ज्यादा पैसा होता है। इंसान के पहनावे से पता चल जाता है की वह कितना पैसे वाला है। अगर हम कही शादी या फिर किसी पार्टी मे जाए तो वहाँ पर भी पैसे वालो का एक अलग ही ठाठ देखने को मिलता है।

हमरा समाज भी उसी व्यक्ति को इज्जत देता है जो पैसे कमाता है या फिर जिस के पास ज्यादा पैसे हो। जब पैसे आप के पास हो तो सब आप के है, नहीं तो किसी को कोई दिलचस्पी नहीं है की आप क्या हो। जब हमारे पास पैसे होते है तो लोग हमारी हेसियत देखते है मगर जब पैसे नहीं हो तो वही लोग हमारी औकात दिखाते है। पैसो से ही हमारी इज्जत निर्धारित होती है।

जिस समाज मे पैसो से इज्जत मिलती हो वहा पर कभी इंसानियत जैसी कोई चीज नहीं रह सकती। हम चाहे कितने भी पैसे कमा ले मगर हमारे मन मे जो और चाहिए, इस से ज्यादा चाहिए वाली सोच है वह हम कभी नहीं छोड़ सकते। क्योंकि समाज मे दिखावे का ही बोलबाला होता है।  

जीवन मे पैसो को कितना महत्व देना चाहिए?  

आम आदमी को एक अच्छा जीवन जीने के लिए पैसो की आवश्यकता होती है। मगर पैसो को ही प्राथमिकता देना सही नहीं होता। हम सोचते है की पैसो से ही सब मिलता है, तो यह बात सही है लेकिन पैसा सब कुछ नहीं है। पैसे को उतना ही महत्व दो जितना जरूरी होता है, ना उस से ज्यादा ना उस से कम।

जब कोई व्यक्ति रात-दिन काम करता हो, मेहनत करता हो और जब हम उस से पुछे की इतना काम क्यों करते हो तो कहता है पैसे कमाने के लिए और सुखी रहने के लिए। मगर इस मे सुख कहा है? घर मे परिवार है मगर उन के साथ रहने के लिए समय नहीं है। तो यह कैसा सुख?

पैसो के लिए नहीं जिये मगर जीने के लिए कुछ पैसे चाहिए। अगर हम सारी उम्र पैसे ही कमाते रहेंगे और किसी चीज के लिए समय नहीं दे पाएंगे, तो उतने पैसो का क्या महत्व जीतने पैसे हमने कमाए है? हमे पैसे को उतान ही महत्व देना चाहिए जितना की जी सके।

हमारी प्राथमिक जीवन-ज़रूरियातो की चीज-वस्तु मिल जाए जो हमे जरूरी है और हमे सुखी रख सकती है। उस के बाद ज्यादा पैसे कमाना लालच बन जाता है। ज्यादा पैसा भी जीवन को खतरे मे डाल सकते है और कम पैसे भी जीवन को अशांत कर देते है।

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