मनोभाव (Attitude) क्या है ?
मनोभाव (Attitude) का अर्थ।
हम इस विश्व को किस प्रकार देखते है? हम खुद को विश्व की द्रष्टि से किस प्रकार देखते है? इन सारे सवालो के जवाब से हमारे मनोभाव (Attitude) को देखा जाता है। दूसरे प्रकार से देखे तो हमारे जीवन मे बनती घटनाओ के प्रति हमारे मन मे उद्भव होती अनुभूति हमारा ‘Attitude’ कहा जाता है।
सकारात्मक मनोभाव (Positive Attitude) क्या है?
Positive Attitude (सकारात्मक मनोभाव) का मतलब, हमारे जीवन मे हर रोझ बनती घटनाए, मुश्किले और मनुष्य के प्रति हमारे मनोभाव अच्छे हो, आशावादी और उत्साह प्रेरक हो। प्रसंग और हकीकत के प्रति हमारे मन के भाव हमारे मन को हमेशा खुशी देती हो।
पोझिटिव Attitude वाली व्यक्ति अपने संपर्क मे आनेवाले किसी भी व्यक्ति या फिर वस्तु मे से अच्छी बाते ही देखेगा। किसी भी बात की ईर्ष्य नहीं करेगा, इतना ही नहीं कोई अगर उसके लिए बुरा कहे या फिर उसका मझाक करे तो उसको गुस्सा नहीं आता और ना ही कोई प्रतिभाव देता है। कुछ भी हो वह किसी भी परिस्थिति को गंभीरता से लेने के बदले वह हर प्रसंग को स्वाभाविक से जीता है।
ये संसार उसे कितना भी कठोर समजे परंतु उसको एक मझाक समझ कर हँस देता है। किसी भी वस्तु या घाटन के प्रति उसका मंतव्य अच्छा ही होगा।
हमारे मनोभाव जो सकारात्मक (पोझिटिव) होंगे तो हमारे मन को शांति जरूर मिलेगी। मन मे किसी भी दुख के भाव नहीं रहेंगे, इतना ही नहीं हमारा पूरा दिन अच्छा जाएगा। हमे किसी की ओर से बुरे अनुभव नहीं होंगे।
नकारात्मक मनोभाव (Negative Attitude) क्या है?
Negative Attitude (नकारात्मक मनोभाव) यानि हमारे जीवन मे जो कुछ भी बुरा होता है वो सिर्फ हमारे साथ ही होता है, परीक्षा मे नापास हुए, व्यवसाय मे फायदा नहीं हुआ, दूसरों की तुलना मे आप पीछे रह गए, जिस की असर आप के व्यवहार मे पडती है।
हम खुले मन से हँस भी नहीं सकते, दूसरों के लिए वो आपके घर के हो या बाहर के उनके लिए हमारे मन मे ईर्ष्य की भवना उत्पन हो, छोटी-छोटी बातों मे भी घर के लोगो से या फिर दोस्तो से झगड़ा कर बेठते है।
अपने छोटी-बड़ी किसी भी मुश्किलों मे हिम्मत से सामना करके उसका समाधान करने के बदले अत्यंत दुखी हो कर अकेले रहना पसंद करेंगे। स्वभाव से अहंकारी हो जाते है और अपने मित्र तथा सबंधिओ मे अप्रिय हो जाते है।
नकारात्मक मनोभाव (Negative Attitude) का आधार :
1 हमेशा नकारात्मक विचार करने की वृत्ति
ये काम मुजसे नहीं होगा, मे इसके लायक नहीं हु, मुज से होगा ही नहीं मुझे पता है। यहा तक की खड़े हो तब भी गिर जाने का डर हो, इन सब का कारण आत्मविश्वास की कमी ही माना आता है। अंजान लोगो के व्यवहार से कुछ लेना-देना नहीं होता उस समय नकारात्मक विचार करना आवश्यक नहीं होता।
2 हमारी तुलना दूसरों से करने की वृत्ति
इस दुनिया मे सभी लोग समान नहीं होते। हम अपने आप की दूसरों के साथ तुलना करने की वृत्ति भी हमारे मन मे नकारात्मक भाव उत्पन करते है।
दूसरे लोग हम से ज्यादा पैसे वाले है या सुखी है, या फिर हम से ज्यादा होशियार है, एसा सोचने का कोई अर्थ नहीं। क्योकि ये सब हमारे हाथ मे नहीं है। इन सारी बातों से मन को विचलित करने से भी नकारात्मक भाव उत्पन होता है।
3 भूतकाल और भविष्यकाल के बारे सोच कर चिंता करने की वृत्ति
‘अगर मैंने ऐसा किया होता, तो ऐसा होता’ थोड़ा इंतजार किया होता तो अच्छी नोकरी मिल जाती एसे भूतकाल के वाहियात विचार करने का कोई अर्थ नहीं है। जो कुछ हो चुका है उसमे हम कोई बदलाव नहीं कर सकते, क्योकि ये सब तो ईश्वर ने निर्धारित किया ही है।
इसलिए हमे ये सब सोच कर समय बर्बाद करने का कोई अर्थ नहीं है। एसा करने से नुकसान इतना होता है की हम नकारात्मक Attitude वाले हो जाते है।
4 आपका उन लोगों के प्रति रवैया जो आपको परेशान करते हैं
एसे कितने ही लोग होंगे जो आपके परिचय मे आए होंगे या फिर आएंगे जो अपने मझे के लिए (Just for fun) आपको बुरा लगे और आप परेशान हो जाओ एसा जान बुज़ कर करेंगे एसा हो तब, इस विषय मे क्या करे इसका विचार करने के बदले इसे नज़रअंदाज़ करने से आपके मनोभाव को कोई तकलीफ नही होगी।
इसके लिए आपको अपनी नींद से वंचित रहने का कोई अर्थ नहीं है। लेकिन जब आप एसा नहीं कर सकते है तब आप का Attitude नकारात्मक हो जाता है।
5 आप को कुछ हुआ हो इसके लिए दुसरो की भूल निकाल ने की वृत्ति
आपके मन के नकारात्मक Attitude को बदल ने के लिए जो हुआ उसे स्वीकार करना बहुत जरूरी है। किसी की गलती मत निकालो, याद रहे की दूसरों की गलती निकाल ने से जो हुआ वह बदल नहीं जाएगा। जो बात पसंद नहीं उसे भूल जाओ, और जो बात अच्छी हो उसे याद रखो तो आप positive Attitude वाले Automatically हो जाएंगे।
सकारात्मक मनोभाव (Positive Attitude) रखने के फायदे :
हमेशा अच्छी ही सोच आएगी, किसी भी घटना या व्यक्ति के विषय मे अच्छी मान्यता रखने के आदि हो जाएंगे, किसी भी समय आवेश भरा व्यवहार नहीं होगा, आखिर मे हम अच्छे है ऐसा भाव हमारे मनमे जगेगा।
सकारात्मक मनोभाव (Positive Attitude) रखने के सरल उपाय :
- हमारे जीवन मे बनी अच्छी घटनाओ को याद रखे,
- नकारात्मक सोच वाले और आपको परेशान करने वालो से दूर रहे,
- आपके व्यवहार को असरकरक और अच्छा बनाए,
- दूसरे लोगो की ईर्ष्या द्वेष, आलोचना करना छोडो,
- आपकी शक्ति को बेकारमे खर्च न करे,
- जो व्यक्ति आपको अच्छी लगती हो उसके साथ रहना पसंद करो,
- जिसका व्यवहार आपके मनको दुख पोहचाए ऐसे लोगो से दूरी बनाए रखे।
किसी भी व्यक्ति को हम सम्पूर्ण सकारात्मक मनोभाव (Positive Attitude) वाला या फिर नकारात्मक मनोभाव (Negative Attitude) वाला है, यह बात कहना उसके संपर्क मे आने के बाद भी जानना मुश्किल होता है, क्योंकि कोई एक बात किसी को अच्छी लगती हो, वही बात किसी दूसरे को अच्छी नहीं भी लगे। इसीलिए हमे किसी भी व्यक्ति के लिए सम्पूर्ण सकारात्मक या फिर नकारात्मक मनोभाव वाला है, ऐसा कहना उचित नहीं होगा।