छत्तीसगढ़ राज्य के बारे में महत्व की जानकारी । Chhattisgarh rajya

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छत्तीसगढ़ परिचय :

छत्तीसगढ़ एक एसा राज्य है जो प्राचीन काल से ही कई विभिन्न संस्कृतिओ को विकास करने का केंद्र बना रहा है। छत्तीसगढ़ मे 36 गढ़ थे इसलिए इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ रखा गया।

छत्तीसगढ़ हमारे भारत देश का 26वा राज्य है। यह राज्य अलग होने से पहले मध्य प्रदेश राज्य के अंतर्गत 44 साल तक रहा था।

छत्तीसगढ़ राज्य को ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है, क्योंकि यहा अन्य फसलों की तुलना मे धान सब से ज्यादा होता है।

छत्तीसगढ़ राज्य के बारे में महत्व की जानकारी । Chhattisgarh rajya
छत्तीसगढ़ राज्य के बारे में महत्व की जानकारी । Chhattisgarh rajya

छत्तीसगढ़ का इतिहास :

रामायण मे छत्तीसगढ़ का वर्णन किया गया है। उस समय छत्तीसगढ़ को दक्षिण कोशल के नाम से जाना जाता था।

भगवान श्रीराम की माता कौशल्या दक्षिण कोशल(छत्तीसगढ़) राज्य की बेटी थी। शृंगी ऋषि जो छत्तीसगढ़ के सिहावा पर्वत के आश्रम मे रहते थे, उन्होने ही राजा दशरथ के यहा पुत्र्येष्टि यज्ञ किया था। इस के बाद ही राजा दशरथ के घर चार पुत्रो का जन्म हुआ था।   

छत्तीसगढ़ मे ही भगवान राम ने शबरी के जूठे बैर खाये थे। उस समय मे यहा के जंगलो और वनो मे ऋषि-मुनियो अपना आश्रम बना कर रहते हे।

महानदी जो छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदी है, उसका उद्गम स्थान भी सिहावा पर्वत ही है। महानदी का जिक्र भी महाभारत मे किया गया था। उस समय महानदी का नाम चित्रोत्पला था।

महानदी का वर्णन ब्रह्म पुराण और मत्स्य पुराण मे भी मिलता है। एक मान्यता के अनुसार श्रुंगी ऋषि का कमण्डल गिरा था उस के कारण सिहावा मे महानदी की उत्पति हुई।

कालिदास ने मेघदूत की रचना और भरतमुनि ने नाट्यशाला की रचना रामगढ़ की पहाड़ीओ मे ही की थी।

सन 639 ई. में एक चीनी यात्री व्हेनसांग जो सिरपुर की यात्रा करने के लिए आए थे, उस समय मे यहा महाशिव गुप्त बाला अर्जुन का शासन चल रहा था। उस समय को उन्होने छत्तीसगढ़ का स्वर्ण काल माना था।

व्हेनसांग के अनुसार सिरपुर मे सम्राट अशोक ने बौद्ध स्तूप बनवाय था, लेकिन इस का कोई प्रमाण नहीं है।

छत्तीसगढ़ मे कई क्षेत्र मे राजवंशो का भी शासन चलता था, वहा के क्षेत्रीय राजवंशो मे बस्तर के नल और नाग वंश एवं कांकेर के सोमवंशी और कवर्धा के फणी नाग वंशी प्रमुख राजवंशो मे माने जाते है।

सन 1349 ई. मे बिलासपुर जिले मे कवर्धा रियासत के चौरा नाम के एक मंदिर मे एक शीला लेख है, जिसमे सभी नाग वंश के राजाओ की वंशावली प्रस्तुत की गई है। 14वी सदी के आखिर तक नागवंशो का ही आधिपत्य रहा था।

छत्तीसगढ़ के सामान्य तथ्य :

स्थापना दिवस : 1 नवंबर 2000

राजधानी : रायपुर

कुल जिले : 28

सब से बड़ा शहर : रायपुर  

कुल क्षेत्रफल : 1,35,194 वर्ग किलोमीटर  

प्रथम मुख्य मंत्री : अजित प्रमोद कुमार जोगी

राजकीय भाषा : हिन्दी, छत्तीसगढ़ी  

राजकीय पक्षी :  पहाड़ी मैना

राजकीय पशु :  वन भैंसा

राजकीय पेड़ :  साल का पेड़

राजकीय फूल : गेंदा  

राजकीय प्रतीक वाक्य : विश्वसनीय छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की सीमा :  उत्तर मे उत्तरप्रदेश, उत्तर-पश्चिम मे मध्यप्रदेश, उत्तर-पूर्व मे ओडिस्सा और झारखंड, दक्षिण मे तेलंगाना और आन्ध्रप्रदेश, पश्चिम मे महाराष्ट्र।  

प्रमुख नदी : महानदी, हसदो, इंद्रावती, जोंक, अपरा, शिवनाथ, रिहंद आदि।  

जनसंख्या : 2,55,45,198,

साक्षरता दर : 71.04%

प्रमुख कृषि उद्योग : धान, सोयाबीन, चना  

पर्यटक स्थल : मैन पाट(अंबिकापुर), चित्रकोट जलप्रपात(जगदल पुर), लक्ष्मण मंदिर(सिरपुर), केंदई जलप्रपात(कोरबा), मल्हार(बिलासपुर), बंलेश्वरी मंदिर(राजनंदगांव), तिरथगढ़ जलप्रपात(कांगर घाटी बस्तर), दंतेश्वरी मंदिर(दंतेवाड़ा), इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान, गोल्डन आइलेंड ।

मुख्य नृत्य :  पंथी नृत्य, राऊत नाचा, सुआ नाचा, पंडवानी, सैला नृत्य।

छत्तीसगढ़ का भूगोल :

छत्तीसगढ़ एक घने जंगलो वाला राज्य है। उसके उत्तर मे उत्तरप्रदेश, उत्तर-पश्चिम मे मध्यप्रदेश, उत्तर-पूर्व मे ओडिस्सा और झारखंड, दक्षिण मे तेलंगाना और आन्ध्रप्रदेश, और पश्चिम मे महाराष्ट्र राज्य से सीमा बनाता है।  

इस राज्य की प्रमुख नदी मे महानदी है जो यहा की जीवन रेखा है। इस का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की ओर जाता है। महानदी के अलावा यहा पर शिवनाथ नदी है जो महानदी की एक प्रमुख उपनदी है, एवं इंद्रावती नदी, अपार, खारुण आदि नदी यहा पर प्रवाहित होती है।  

छत्तीसगढ़ मे उसके मध्य का जो हिस्सा है जिसे हम छत्तीसगढ़ का मैदान कहते है, जो छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक प्रदेश है, वह सब से बड़े हिस्से का है। जिसका क्षेत्रफल 68064 वर्ग किलोमीटर है। जो छत्तीसगढ़ के 50% क्षेत्र को कवर करता है। और यह मैदान महानदी का क्षेत्र है।

छत्तीसगढ़ की उत्तर से दक्षिण की लंबाई 700 किलोमीटर है, और पूरब से पश्चिम की लंबाई 435 किलोमीटर है। छत्तीसगढ़ का उत्तरी अक्षांश 2405 से 1746 तक फेला हुआ है। और पूर्वी देशांतर मे 8015 से 8424 देशांतर तक फेला है।

छत्तीसगढ़ मे उत्तरी जिला बलरामपुर है, दक्षिणी जिला सुकमा, पूर्वी जिला जसपुर और पश्चिमी जिला बीजापुर है।

छत्तीसगढ़ मे खनिज भी भरपूर मात्र मे है, यहा पर प्राप्त होने वाले खनिजो मे चुना, टिन, कोयला, लोहा, बोक्साइड, डोलोमाइट, हीरा, सोना, चाँदी, कोरण्ड्म आदि खनिज तत्व से भरपूर राज्य है।   

छत्तीसगढ़ मे पर्व एवं उत्सव :

छत्तीसगढ़ राज्य विभिन्न संस्कृतिओ और विभिन्न उत्सवो से भरा राज्य है। यहा पर अनेक जातियाँ और जनजाति निवास करती है। और यह राज्य उत्सवो का एक उमदा माध्यम है। यहा के अपने ही उत्सव और पर्व है, जो बड़े ही मस्ती से मनाते है, वैसे यहा पर कई महत्व के त्यौहारो को भी बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।  

इन मे से हरेली, होली, सकट, नृत्य गान, पोरा आदि यहा पर महत्व के त्यौहारो मे से एक है।

छतीसगढ़ मे सभी जगहो पर उत्सव के दिनो मे बच्चे-बूढ़े और जवान सभी लोग इस त्यौहार को बड़े धामधूम से मनाते है। और सारे भेदभाव भूलकर एकता से इन त्यौहारो का मझा लेते है। 

Nice Days

हम भारत देश के निवासी हैं इसलिए हम अपने देश के बारे में जो भी जानकारी जानते हैं, वह सभी जानकारी जैसे की इतिहास, भूगोल, भारत के त्यौहार, आस्था आदि से जुडी जानकारी इस ब्लॉग में हिंदी भाषा में दी गई है।

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