क्रिसमस परिचय :
यह पर्व हम सबको प्रेम के बारे में उपदेश देने वाला पर्व है।
प्रभु ईसु इस दुनिया मे अपने प्रेम के साम्राज्य की स्थापना के लिए आए थे।
प्रभु ईसु ने प्रेम को परम सुख का मार्ग बता कर विश्व मे शांति की स्थापना के लिए सब के साथ प्रेम से रहने और प्रेम से जीने के लिए प्रेम का उपदेश बताया है।
प्रभु ईसु के अनुसार प्रेम का अर्थ :
जो अपने सत्य पर दृढ़ हता है, वह इस धरती का प्रेम से भरा हृदय है, जो अपने अच्छे अच्छे कार्यों को फैलाता है वह दुनिया का दीपक है।
अपने दुश्मनो से भी प्यार करो, उन लोगों के लिए भी प्रार्थना करो जो आपको चोट पहुंचाते हैं, सभी अच्छे और बुरे से प्यार करते रहो।
लोगों से वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप चाहते हैं कि वे आपके साथ व्यवहार करें। दान करते समय आपका दाहिना हाथ क्या करता है वह बाएं हाथ को नहीं पता होना चाहिए ।
धन्य है वह जो सब कुछ देता है, जो सब कुछ त्याग देता है उसे अनंत जीवन मिलता है।
यदि आप दूसरों के पापों को क्षमा करते हैं तो ही ईश्वर आपके पापों को क्षमा करेंगे। किसी के नियम को मत तोड़ो, ताकि तुम्हारा नियम न टूटे, जिस तरह तुम किसी का नियम को तोड़ोगे, तो तुम्हारा नियम भी टूटेगा।
एक दूसरे से प्यार करो। जैसा मैंने तुम सब से प्यार किया है, वैसे ही तुम्हें भी एक दूसरे से प्यार से रहना चाहिए।
भूखे को भोजन, प्यासे को पानी, अजनबियों को आश्रय और गरीबों को सेवा करने वाला ही ईश्वर के राज्य का शाश्वत जीवन का अधिकारी है।
ईश्वर प्रेम का रूप है :
बाइबल के अनुसार भगवान दुनिया से इतना प्यार करते थे कि उन्होंने इसे अपने इकलौते बेटे (ईसु) को दे दिया। जिनके नाम पर विश्वास करने वाले का कभी नाश नहीं होता, और वह अनंत जीवन को प्राप्त करता है।
और वह बेटा (यीशु) मानव जाति से इतना प्यार करता था कि उसने अपने पूरे अस्तित्व का बलिदान कर दिया। हाँ, उन्हें क्रूस की क्रूर और शर्मनाक मौत का सामना करना पड़ा, ताकि पूरी मानव जाति को पापों और मोक्ष की माफी मिले। क्योंकि भगवान ‘प्रेम का रूप है’।
पवित्र ग्रंथ बाइबल के अनुसार किन परिस्थितियों में भगवान हमसे प्यार करते थे? बाइबल सिखाती है कि मनुष्य की अवज्ञा ने उसे परमेश्वर से प्रेम करने से दूर कर दिया। भगवान के दुश्मन बन गए,
हमारे पास कोई भी योग्यता नहीं थी। पापा के कारण हमारा विनाश निश्चित था। एसी दुखद और दयनीय स्थिति मे भगवान ने हम पर दया दिखाई और हमे प्यार से उस दुखद स्थिति से बाहर निकाला।
प्रभु यीशु की उदारता :
महान भगवान मानव रूप में इस दुनिया में आए और मानव जाति को मौत की भयानक सजा से मुक्त करने और उन्हें अनन्त जीवन का उपहार देने के लिए क्रूस की क्रूर और शर्मनाक मौत को सहन किया। क्योंकि भगवान प्रेम का रूप है।
कितने प्यार करने वाले परमेश्वर पिता! कितने प्यार करने वाले उद्धारकर्ता! हाँ, यीशु प्यार के रूप में दुनिया में आये और अपने पूरे जीवन में उन्होंने दया, करुणा और सेवा के कई कार्य किए।
वे जहा भी गए वहा उन्होने अच्छे और भले काम ही किए थे, इसलिए यहूदी समुदाय के नेताओ को यह पसंद नहीं आया और उन्होने अंत मे यीशु को क्रूस पर मार दिया।
यीशु ने अपने चेहरे पर एक मुस्कान के साथ क्रॉस की क्रूर और शर्मनाक मौत को सहन किया, और इस तरह के भयानक शारीरिक और मानसिक पीड़ा के बीच में उन्होने उन लोगों को माफ कर दिया जिन्होंने उन्हे दर्द दिया था और उनके उद्धार के लिए प्रार्थना की, हे पिता परमेश्वर उन्हे क्षमा करे, क्योंकि वे नहीं जानते की वे क्या कर रहे है।
प्रेम के रूप प्रभु यीशु ने इस दुनिया को प्रेम का संदेश दिया :
प्रभु यीशु मसीह कहते हैं, मेरे बच्चों, मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि तुम एक-दूसरे से वैसा ही प्रेम करो जैसा मैंने तुम सब से प्रेम किया है। तभी दुनिया को पता चलेगा कि आप मेरे लोग हैं, मेरे शिष्य हैं।
पवित्र बाइबल कहती है की, जो हामरे पास सब से अच्छी योग्यता, डिग्री हो या फिर हम सभी चीजों मे सम्पन्न हो, लेकिन जो हमारे पास प्यार नहीं है तो यह सब व्यर्थ है।
दुनिया में आने वाले उद्धारकर्ता यीशु का एकमात्र उद्देश्य यही था की, उनकी सफलता हमारी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है।
परमपिता परमेश्वर को प्यार करने वाला आपको उसी विनम्र हृदय से प्रार्थना करता है कि उसकी स्वर्गीय कृपा आपको इस शाश्वत सत्य को समझने के लिए बुद्धिमान बनाएगी।