राम नवमी क्यों मनाई जाती है ? why Ram Navami is celebrated?

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राम नवमी परिचय :

यह एक धार्मिक त्यौहार है। राम नवमी त्यौहार हिन्दू केलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी (9वें दिन) को मनाया जाता है। इस त्यौहार को भारत भर और विदेश मे रहने वाले हिन्दू धर्म के लोग बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते है। यह एक महत्व का त्यौहार है।

इसे भगवान राम के जन्म दिन के रूप मे मनाया जाता है। पूरे भारत मे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ यह त्यौहार मनाया जाता है।

एक मान्यता के अनुसार रावण का संहार करने के लिए त्रेतायुग मे भगवान विष्णु ने राम के रूप मे मनुष्य का सातवा अवतार लिया था। भगवान राम को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहा जाता है।

उन्होने अपने जीवन काल मे कई तह के कष्ट सहन करते हुए मर्यादित जीवन का श्रेष्ठ उदाहरण दिया। श्री राम के जीवन मे कई विपदा आई, परंतु उन्होंने कभी भी अपनी मर्यादा नहीं पार की। उन्होने अपने जीवन मे धैर्यता से सभी कष्टो का सामना किया, और उत्तम पुरुष बने रहे।

राम नवमी का त्यौहार क्यो मनाया जाता है ?

कई साल पहले राजा दशरथ रहते थे। जिनकी कोई संतान नहीं थी। इसीलिए राजा दशरथ बहुत परेशान रहते थे।

एक दिन संत वशिष्ठ ने राजा दशरथ को पवित्र अनुष्ठान पुत्र कामेष्टि यज्ञ करने की सलाह दी। राजा दशरथ जब यज्ञ कर रहे थे तभी यज्ञ के आग से एक दिव्य व्यक्ति निकल आए, और उनके हाथ मे मिठाई की थाली थी।

वह मिठाई राजा दशरथ की तीनों पत्नीओ मे बांटने को कहा। राजा दशरथ ने तीनों पत्नीओ को यह मिठाई खिलाई। 

उसके बाद माता कौशल्या ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम “राम” रखा गया। और माता कैकई ने भरत को तथा माता सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। श्री राम अपने तीनों भाइयो के साथ प्रेम और आदर्श के साथ बड़ा हुआ। तो रामजी का जन्म दिन “राम नवमी” के दिन से मनाया जाता है।

राम नवमी
राम नवमी

राम नवमी का त्यौहार कैसे मनाया जाता है ? 

राम नवमी के दिन सभी लोग सुबह जल्दी नहा कर भगवान की प्रार्थना करते है। सभी मंदिरो और घरो को सजाया जाता है। प्रभु राम के जन्म के जश्न मे मंदिरो मे भजन कीर्तन होते है।

सभी घरो मे कई तरह की मिठाइया बनती है। राम नवमी के दिन उपवास भी करते है। और भगवान राम को प्रशन्न करते है। इस दिन कई जगहो पे रथयात्रा भी निकाली जाता है।

भगवान राम मे श्रद्धा रखने वाले लोग अयोध्या, भद्राचलम, रामेश्वर, सीतामठी आदि जगहो पर भव्य समारोह का आयोजन करते है। कई श्रद्धालु गंगा नदी और सरयू नदी मे स्नान करते है। 

भारत मे सभी जागहो पर राम नवमी का त्यौहार पूरे धामधूम से मनाया जाता है, परंतु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या मे मेले लगाए जाते है और बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।  

राम नवमी के दिन को कई जगहों पर भगवान राम और माता सीता के विवाह के दिन से भी जाना जाता है। और इस दिन को “सीता राम कल्याण उत्सव” भी मनाया जाता है।

सीता-राम विवाह की कहानी :-

माता सीता के पिता का नाम जनक राजा था। जब सीता विवाह के योग्य हुई, तब उनके पिता ने सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन किया। जो भी “शिव धनुष” (एक भारी धनुष) को तोड़ पाएगा, वोही सीता के लिए योग्य होगा।

बहुत सारे राजकुमार कई राज्यो से सीता के हाथ के लिए आए थे। परंतु कोई भी शिव धनुष को उठा नहीं पाया। बहुत बलवान पुरुष भी थे।

 मगर बहुत कोशिश करने के बाद भी कोई सफल नहीं हुआ। उसी समय गुरु वशिष्ठ के साथ राम और लक्ष्मण शिव धनुष को देख ने के लिए आए। गुरु वशिष्ठ ने राम और लक्ष्मण को जनक राजा से मिलाया। और शिव धनुष को देखने की अनुमति मांगी। 

जनक राजा ने अनुमति दी और समझाया की आज सीता का स्वयंवर है, और जो भी इस शिव धनुष को उठाकर तोड़ पाएगा वोही सीता के पति बनने के लायक होगा।

राम ने शिव धनुष को देखा, और देखते ही उससे जुड़ा हुवा महसूस करने लगा। राम ने आराम से शिव धनुष को उठा लिया और तोड़ दिया। तब सब लोग यह नझारा देखकर आश्चर्य चकित हो गए। सब लोग राम की जय जयकार कर ने लगे।

इस के बाद राम-सीता का विवाह हो गया, उनके जन्म दिन पर ही। राम और सीता का विवाह एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है।

Nice Days

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