मणिपुर राज्य के बारे में महत्व की जानकारी ।

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मणिपुर परिचय :

मणिपुर भारत के उत्तर-पूर्व दिशा मे स्थित एक बहुत ही सुंदर राज्य है। जिसे मणि की भूमि या रत्नो की भूमि कहा जाता है। मणिपुर का अर्थ आभूषणो की भूमि होता है।

अपनी स्थानीय परंपरा और संस्कृति से बहुत ही मशहूर है यह राज्य।

मणिपुर का सम्पूर्ण हिस्सा पहाड़ीओ से घिरा हुआ है। यहा की जलवायु गरम एवं नम रहती है।   

मणिपुर जहा पर बेहद शांत और खूबसूरत प्राकृतिक द्रश्य देखने को मिलते है। यह राज्य कला और संस्कृति से भरा राज्य है। यहा पर सभी धर्म और जाति के लोग शांति से रहते है।

यहा के लोग सरल भोजन लेना पसंद करते है, आम तौर पर यहा के लोग चावल और मछली लेना पसंद करते है। साथ ही भरपूर मात्र मे जड़ि-बुट्टी लेना पसंद करते है।

मणिपुर की सीमा मे उत्तर मे नागालेंड, दक्षिण मे मिझोरम, पश्चिम मे असम और पूर्व मे म्यांमार से जुड़ती है।

मणिपुर भारत का गेटवे ऑफ ईस्ट के नाम से भी जाना जाता है। यहा पर कैबूल नेशनल पार्क सबसे मशहूर पार्क है, जो 1977 मे अधिसूचित किया गया था और 40 वर्ग किलोमीटर मे फैला पार्क है।

मणिपुर के समान्य तथ्य :

  • स्थापना दिवस : 21 जनवरी 1972
  • राजधानी : इम्फाल
  • कुल क्षेत्रफल : 22,347 वर्ग किलोमीटर
  • कुल जिले : 9
  • बड़ा शहर : इम्फाल
  • प्रथम मुख्य मंत्री : एम. कोइरंग सिंह
  • राजकीय भाषा : मणिपुरी
  • राजकीय पक्षी : नोंग्यीन  
  • राजकीय पशु : संगाइहिरण
  • राजकीय पेड़ :  टुन
  • राजकीय फूल : सतरंगी सिरोई लिली  
  • राजकीय खेल : मणिपुरी पोलो   
  • राजकीय चिन्ह : कड्ला शा
  • मणिपुर की सीमा : त्रिपुरा, नागालेंड, मिझोरम, असम, म्यांमार(बर्मा)  
  • प्रमुख नदी :  मणिपुर नदी, तिऔ नदी, जिरी नदी, बराक नदी
  • जनसंख्या :  28,55,794(2011 की जनगणना के आधार पर)
  • साक्षरता दर : 80% (2011 की जनगणना के आधार पर)
  • प्रमुख कृषि उद्योग : चावल, चाय, गेहूं, मक्का, तिलहन, दलहन  
  • प्रमुख पर्यटक स्थान : कैबूल नेशनल पार्क, लोकतक झील, विष्णुपुर स्थित विष्णु मंदिर, कूदी घाटी, चूड़ाचाँदपुर जिला, सेन्द्रा, सिराय की पहाड़ियाँ, राजकीय अजायब घर, कैना, ड्ज़ुकौ की घाटी आदि।
  • मुख्य नृत्य : मणिपुरी, ढ़ोल चोलम, मणिपुरी रासलीला, खाम्बा थोबि
मणिपुर राज्य के बारे में महत्व की जानकारी ।
मणिपुर राज्य के बारे में महत्व की जानकारी ।

मणिपुर का इतिहास :

मणिपुर का इतिहास बहुत ही पुराना है। इस राज्य का प्राचीन नाम कंलैपक है। सन 33 ईसवी मे इस राज्य पर पाखंगब नामक एक शाहसी व्यक्ति ने राज किया था। इस के बाद कई राजाओने यहा पर शासन किए।

1819 से 1825 तक यहा पर बर्मा के राजाओ का शासन रहा। 1824 मे मणिपुर के शासक ने भारतीय उपमहाद्वीप मे ब्रिटिश साम्राज्य के साथ एक सहायक गठबंधन मे प्रवेश किया, जो मणिपुर के बाहरी रक्षा के लिए जिम्मेदार बन गया।

अंग्रेज़ो ने माना की रियासत के रूप मे राज्य आंतरिक रूप से स्वशासित रहा है।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, मणिपुर जापानी आक्रमणकारियों और ब्रिटिश भारतीय बलो के बीच कई भयंकर लड़ाइयों का द्रश्य था।

जब सन 1947 मे भारत देश आज़ाद हुआ और अंग्रेज़ो ने मणिपुर को छोड़ा तब मणिपुर का सम्पूर्ण शासन महाराज बोधचंद्र ने संभाला। फिर 21 सितंबर 1949 मे हुई विलय संधि के बाद 15 अक्तूबर 1949 मे मणिपुर भारत का एक हिस्सा बन गया।

इस राज्य को सन 1956 मे पुनर्गठन कानून के अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया और 1972 मे एक पूर्ण विकसित राज्य बनाया गया था।

मणिपुर का सबसे बड़ा शहर और यहा की राजधानी इंफाल है, यह शहर यहा का एक प्रमुख व्यापारी केंद्र है। यहा पर बड़ी दुकाने केवल महिलाओ द्वारा लगाई जाती है।

मणिपुर का भूगोल :

मणिपुर जो चारो ओर से ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ एवं मध्य मे मैदानी भाग स्थित है। यहाँ की सुंदरता दर्शनीय है।

मणिपुर का उत्तरी अक्षांश 2383’ से 2568’ तक फेला है और पूर्वी देशांतर मे 9303’ से 9478’ तक फेला हुआ है।

इस राज्य की पर्वत श्रुंखलाएं एक मध्यम जलवायु का निर्माण करती है, जो उत्तर की ओर से ठंडी हवाओं को घाटी तक पाहुचने और चक्रवाती तूफानो को आने से रोकती है।

मणिपुर मे चार प्रमुख नदी बेसिन है: बराक नदी बेसिन, मणिपुर नदी बेसिन, यू नदी बेसिन और लानी नदी बेसिन का एक हिस्सा है।

मणिपुर की बड़ी नदी कोन सी है?

इस राज्य की सबसे बड़ी नदी बराक नदी है जिस का उद्गम मणिपुर पहाड़ी है।

घाटी क्षेत्र की लगभग सभी नदियां परिपक्व अवस्था मे है, और इसीलिए वे लोकतक झील मे अपनी तलछट का भार जमा करती है।

मणिपुर की जनजाति की जानकारी :

मणिपुर राज्य मे प्रमुख तीन जनजातियाँ रहती है। जिनमे मितई जनजाति, विष्णुप्रिया मणिपुरी और नागा एवं कुकी-चिन जाति है।

मितई जनजाति के लोग घाटी मे निवास करते है और विष्णुप्रिया मणिपुरी भी घाटी क्षेत्र मे अपना निवास करती है। यहा के पर्वतीय क्षेत्र मे नागा व कुकी जनजाति के लोग रहते है। इस राज्य मे नागा एवं कुकी जाती के लगभग 60 जनजातियाँ निवास करती है।  

मणिपुर की भाषा की जानकारी :

मणिपुर राज्य के मूल निवासी मितई जनजाति के लोग है, जो घाटी क्षेत्र मे अपना निवास करते है। उनकी भाषा मेइतिलोन जिसे मणिपुरी भाषा भी कहते है।

इस भाषा को सन 1992 मे भारत देश की संविधान की 18वीं अनुसूची मे जोड़ा गया है। इस प्रकार इस भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप मे दर्जा दिया गया।

मणिपुर की लोकतक झील :

इस राज्य के विष्णुपुर जिले मे स्थित यह झील है। जिस से हो कर इम्फाल नदी प्रवाहित होती है। यह झील मणिपुर के लिए बहुत ही आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। इस झील का पानी विद्युत उत्पादन, पीने के लिए तथा सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसमे मछलियाँ भी पकड़ी जा सकती है।  

इस झील पर तैरते बाग और मिट्टी से बने द्वीप पाये जाते है। जिस के लिए यह झील प्रसिद्ध है, इन्हे फूंडिस कहा जाता है।

इस झील का कुल क्षेत्रफल 280 वर्ग किलोमीटर है। इस झील पर सबसे बड़ा तैरता द्वीप कैबुल लामजाओ है जिसका क्षेत्रफल लगभग 40 वर्ग किलोमीटर है।

खायंग : मणिपुर के उखरुल जिले मे स्थित 3114 मीटर की ऊंची एक चौटी है जो हिमालय का उत्तर-दक्षिण विस्तार

सिरोई लिली :

मणिपुर के उखरूल जिले मे समुद्र तल से लगभग 5000 फिट की ऊंचाई पर स्थित, सिरोई पर्वत माला मे सिरोई लिली नामक विश्व की दुर्लभ प्रजाति पाई जाती है। जो केवल मणिपुर मे ही पैदा होता है, जो इस राज्य का राजकीय फूल है और जूको घाटी मे दुर्लभ प्रजाति जूको लिली पायी जाती है।

इस दुर्लभ पुष्प की खोज सन 1946 मे फ्रैंक किंग्डम नाम के एक अंग्रेज़ ने की थी। यह पुष्प केवल बारिस के मौसम मे ही पैदा होती है।

मणिपुर को क्या कहा जाता है?

मणिपुर राज्य को भारत देश की ओर्किड बास्केट के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहा पर ओर्किड पुष्प के 500 जितनी प्रजातियाँ मिलती है।

मणिपुर मे संगई हिरण :

यह हिरण एक विलुप्त जाति की है।इसे कैबूल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान जो विश्व का एकमात्र तैरता राष्ट्रीय उद्यान है जिसके नाम से भारत सरकार ने एक संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है।

Nice Days

हम भारत देश के निवासी हैं इसलिए हम अपने देश के बारे में जो भी जानकारी जानते हैं, वह सभी जानकारी जैसे की इतिहास, भूगोल, भारत के त्यौहार, आस्था आदि से जुडी जानकारी इस ब्लॉग में हिंदी भाषा में दी गई है।

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