राजस्थान राज्य के बारे में महत्व की जानकारी।

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राजस्थान राज्य भारत के उत्तर-पश्चिम मे स्थित है। यह राज्य राजा-महाराजाओं का राज्य है। राजस्थान का नाम पहले राजपूताना हुआ करता था, जिसको बाद मे बदल कर राजस्थान कर दिया गया। यह एक एसा राज्य है जो कई प्रकार से अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ के लोगो का जीवन ज़्यादातर खेती पर निर्भर होता है। यह राज्य देश का सब से बड़ा तीसरा नमक उत्पादक क्षेत्र है।

राजस्थान राज्य आज भी संस्कृति और परम्पराओ का पालन करने वाला राज्य है। यहाँ पर शेखावटी मे स्थित शक्करबार बाबा की दरगाह मे हिन्दू-मुस्लिम एक साथ मिल कर जन्माष्टमी का उत्सव मनाते है। इस राज्य मे शहरो के साथ रंगो का भी मेल मिला होता है, जैसे की जयपुर को पिंक सिटी, उदयपुर को व्हाइट सिटी, जोधपुर को ब्ल्यू सिटी और जेसलमेर को गोल्डेन सिटी कहा जाता है।  

क्षेत्रफल के आधार पर यह राज्य पूरे भारत मे पहले नंबर पर है और जनसंख्या के आधार पर पूरे भारत मे 8वे स्थान पर है। राजस्थान राज्य दुनिया के कुछ देशो से भी बड़ा है, जैसे की इंगलेंड से दोगुना और ईझरायल से 17गुना बड़ा है।

राजस्थान राज्य भारत के पाँच राज्यो से और एक अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाता है, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, और पाकिस्तान से अपनी सीमा बनाता है।  

राजस्थान राज्य के बारे में महत्व की जानकारी।
राजस्थान राज्य के बारे में महत्व की जानकारी।

राजस्थान राज्य के प्रमुख तथ्य:

  • स्थापना दिवस : 30 मार्च 1949  
  • राजधानी : जयपुर
  • कुल क्षेत्रफल : 3,22,269 वर्ग किलोमीटर
  • कुल जिले : 33
  • बड़ा शहर : जयपुर
  • प्रथम मुख्य मंत्री : हिरालाल शास्त्री
  • राजकीय भाषा : हिन्दी
  • राजकीय पक्षी : भारतीय बूस्टर्ड  
  • राजकीय पशु : चिंकारा   
  • राजकीय पेड़ : खेजरी   
  • राजकीय फूल : रोहिड़ा
  • राजस्थान का प्रमुख खेल : बास्केटबॉल  
  • राजस्थान राज्य की सीमा : गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और पाकिस्तान।    
  • प्रमुख नदी :  बनास नदी, चंबल नदी, जाखम नदी, घग्घर नदी, बाणगंगा नदी, बेडच नदी, कोठारी नदी, कलिसिंघ नदी, महि नदी, लूनी नदी। 
  • जनसंख्या : 6,86,21,12
  • साक्षरता दर : 67%
  • प्रमुख कृषि उद्योग :  ज्वार, बाजरा
  • पर्यटक स्थल :  हवामहल (जयपुर), पिचोला झील (उदयपुर), मेहरानघड किला (जोधपुर), शरीफ दरगाह (अजमेर), माउंट आबु आदि।
  • लोक नृत्य : कठपुतली, चाकरी, भवाई, सुइसिन, पनिहारी, घूमर

राजस्थान का इतिहास   

राजस्थान को ऋग्वेद मे ब्रहम्वर्त और रामायण मे मरुकांतर कहा गया है। जब मुगलो का साम्राज्य रहा तब उन्होने राजस्थान को राजपूताना कहा था। राजस्थान के इतिहास का जनक कर्नल जेम्स टोड को कहा जाता है।  

प्राचीन राजस्थान का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है। राजपूत राजाओने राजस्थान के कई हिस्से पर कबजा करके अपना राज किया था। तभी इस राज्य को वीरों की धरती के नाम से भी जाना जाता है।

राजस्थान भारत देश का एक महत्व का राज्य रहा है। यहा पर प्राचीन सभ्यता के कई केंद्र देखने को मिलते है – जैसे की रंगमहल, कालिबंगा, बरोर (अनूपगढ़), गणेश्वर (सीकर), आहड़ (उदयपुर), बालाथल (उदयपुर), बागोर (भिवाड़ा) आदि।

जब राजस्थान मे ब्रिटीशरो की सत्ता चल रही थी तब ज्यादत्तर विरोध आदिवासियों और राजपूतो ने किया था। जिन मे से भील जनजाति ब्रिटिश सरकार के खिलाफ खड़ी रही, और फिर ब्रिटिश सरकार ने यह निर्णय लिया की भील और राजपूत बिना किसी रोक के खेती कर सकती है।

राजस्थान शब्द का अर्थ ही होता है, ‘राजाओ का स्थान’। यहाँ पर कई सारे राजाओ ने राज किया है, जैसे की राजपूत, मौर्य, जाट, अहीर, गुर्जर आदि। भारत देश मे राजस्थान राज्य का निर्माण संवैधानिक रूप से एक महत्व की उपलब्धि मानी जाती है।

भारत की आज़ादी के बाद राजस्थान का केंद्र शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाडा जो अंग्रेज़ो के अधीन था, उसे स्वतंत्र भारत मे विलय करने की मांग की। जो करीब एक दशक के बाद 18, मार्च 1948 मे शुरू की गई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरण मे 1, नवंबर 1956 मे पूरी हुई। जिनमे सरदार वल्लभ भाई पटेल जो उस समय भारत के गृह मंत्री थे और उनके सचिव वी. पी. मेनन की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।

राजस्थान का भूगोल

राजस्थान राज्य का कुल क्षेत्रफल 3,22,269 वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के सब से बड़े राज्य मे प्रथम नंबर पर है। यह राज्य भारत के कुल क्षेत्रफल के 10.41 प्रतिशत है। इसका पूर्व से पश्चिम तक का विस्तार 869 किलोमीटर और उत्तर से दक्षिण तक का विस्तार 826 किलोमीटर है।

राजस्थान का भौगोलिक विस्तार उत्तरी अक्षांश 2303’ से 30 12’ तक और पूर्वी देशांतर मे 6930’ से 7817’ तक फेला हुआ है। इस राज्य मे कर्क रेखा की कुल लंबाई 26 किलोमीटर है। यह राज्य 33 जिलो मे और 7 मण्डल मे विभाजित राज्य है। जिसका सब से बड़ा जिला जैसलमेर है, और सब से छोटा जिला धौलपुर है।

राजस्थान राज्य की स्थलीय सीमा की कुल लंबाई 5920 किमी. है, जिनमे राजस्थान की अंतरराज्यीय सीमा की कुल लंबाई 4850 किमी. है। यह राज्य पाकिस्तान से जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाता है जिसे रेद्क्लिफ लाइन कहते है। जिसकी कुल लंबाई 1070 किमी. है।

राजस्थान राज्य का थार नामक मरुस्थल पूरे भारत का सब से बड़ा और पूरी दुनिया का 18वा सबसे बड़ा रेगिस्तान है। जहां पर देश-विदेश से कई पर्यटक घूम ने के लिए आते है।

मेजोर डैम

बिसलपुर डैम :

यह डैम बनास नदी के ऊपर बनाया गया है, जो टोंक जिले मे पड़ता है। इस डैम की लंबाई 574 मीटर है और ऊंचाई लगभग 40 मीटर है। इस डैम मे कुल 18 गेट है। यह डैम राजस्थान राज्य का प्रमुख पर्यटक स्थल भी है। इस डैम के द्वारा आस-पास के शहरो और गांवो मे पानी पहुंचाया जाता है और खेतो मे सिंचाई भी की जाती है। 

माही बजाज सागर डैम :

माही बजाज सागर डैम राजस्थान और गुजरात यह दो राज्यो के बीच मे डैम है। यह डैम माही नदी के ऊपर बनाया गया है। इस डैम को 1971 मे बनाने की शुरुआत की गई थी। इस डैम को बनाने का उद्देश्य सिंचाई और बिजली उत्पादन करना है। इस डैम मे 16 गेट है। इस की ऊंचाई 60 मीटर है।

राणाप्रताप सागर डैम :

यह डैम चंबल नदी के ऊपर बनाया गया डैम है। इस डैम का निर्माण 1970 मे किया गया था। इस डैम को राजस्थान का सब से बड़ा डैम माना जाता है। इसकी लंबाई 1100 मीटर है और ऊंचाई 36 मीटर है। इस डैम पर परमाणु बिजली घर की स्थापना की गई है। इस डैम से कृषि सिंचाई भी की जाती है।

जवाई डैम :

यह डैम जवाई नदी के ऊपर बनाया गया है, जो पाली जिले मे स्थित है। जवाई डैम का निर्माण जोधपुर के महाराजा उमेदसिंघ ने सन 1946 मे करवाया था और सन 1957 मे बन कर पूरा हुआ था। इस डैम की ऊंचाई 34 मीटर है, और लंबाई 723 मीटर है। यह डैम 740 वर्ग किलोमीटर मे फैला हुआ है। जवाई डैम को मारवाड़ का अमृतसरोवर कहा जाता है और पश्चिमी राजस्थान का सब से बड़ा डैम माना जाता है।

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